छत्तीसगढ़

Bilaspur News: प्राइवेट स्कूलों की फीस तय कर सकती है राज्य सरकार: हाईकोर्ट ने फीस रेगुलेशन एक्ट 2020 को माना संवैधानिक, एसोसिएशन की याचिका खारिज

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए स्पष्ट कर दिया कि राज्य सरकार को प्राइवेट स्कूलों की फीस तय करने का अधिकार है। कोर्ट ने छत्तीसगढ़ फीस रेगुलेशन एक्ट 2020 को पूरी तरह संवैधानिक ठहराया और निजी स्कूलों के संगठन द्वारा दाखिल याचिका को खारिज कर दिया।

BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए स्पष्ट कर दिया कि राज्य सरकार को प्राइवेट स्कूलों की फीस तय करने का अधिकार है। कोर्ट ने छत्तीसगढ़ फीस रेगुलेशन एक्ट 2020 को पूरी तरह संवैधानिक ठहराया और निजी स्कूलों के संगठन द्वारा दाखिल याचिका को खारिज कर दिया।

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याचिका में दावा किया गया था कि फीस तय करने का अधिकार स्कूलों को होना चाहिए, क्योंकि यह उनके प्रशासनिक स्वायत्तता में दखल है। लेकिन हाईकोर्ट ने कहा कि यह कानून छात्रों और अभिभावकों के हित में है और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में सरकार का हस्तक्षेप आवश्यक और उचित है।
क्या कहा कोर्ट ने?
हाईकोर्ट ने फैसले में कहा कि शिक्षा कोई व्यापार नहीं है और राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा सकती है कि कोई भी स्कूल मनमानी फीस न वसूले। एक्ट में पारदर्शिता, जवाबदेही और फीस निर्धारण की स्पष्ट प्रक्रिया दी गई है, जिससे शैक्षणिक संस्थानों में संतुलन बना रहे।

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क्या है छत्तीसगढ़ फीस रेगुलेशन एक्ट 2020?
इस एक्ट के तहत राज्य सरकार एक रेगुलेटरी कमेटी गठित करती है, जो निजी स्कूलों की फीस की समीक्षा कर उसे मंजूरी देती है। स्कूलों को अपनी फीस तय करने से पहले इस समिति से अनुमोदन लेना अनिवार्य होता है।
निजी स्कूल संगठन की दलील:
निजी स्कूलों की ओर से कहा गया कि यह कानून उनके अधिकारों का उल्लंघन करता है और इससे स्कूलों की वित्तीय स्वतंत्रता पर असर पड़ता है। लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया और कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21ए (शिक्षा का अधिकार) के तहत राज्य को यह अधिकार प्राप्त है।

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फैसले का असर:
अब राज्य सरकार स्कूलों से उनकी प्रस्तावित फीस का ब्योरा मांग सकती है और जरूरत पड़ने पर उसमें संशोधन भी कर सकती है। इससे अभिभावकों को राहत मिलने की संभावना है, जो लंबे समय से स्कूलों की बढ़ती फीस को लेकर परेशान थे। यह फैसला शिक्षा क्षेत्र में नियंत्रण और पारदर्शिता की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

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