Government Alert for Android Users: एंड्रॉयड यूजर्स के लिए बड़ा अलर्ट, फोन हो रहे हैक
Government Alert for Android Users: भारत सरकार की साइबर सुरक्षा एजेंसी CERT-In (Indian Computer Emergency Response Team) ने हाल ही में करोड़ों Android स्मार्टफोन यूजर्स को सतर्क किया है।

Government Alert for Android Users: भारत सरकार की साइबर सुरक्षा एजेंसी CERT-In (Indian Computer Emergency Response Team) ने हाल ही में करोड़ों Android स्मार्टफोन यूजर्स को सतर्क किया है। एजेंसी ने अपनी एडवाइजरी में बताया है कि Android ऑपरेटिंग सिस्टम के नए वर्जन—Android 13, Android 14, Android 15 और Android 16—में गंभीर सिक्योरिटी खामियां पाई गई हैं। इन कमजोरियों का फायदा उठाकर हैकर्स स्मार्टफोन्स पर अटैक कर सकते हैं, संवेदनशील जानकारी चुरा सकते हैं या फिर पूरे डिवाइस का कंट्रोल अपने हाथ में ले सकते हैं।
Security Flaws in Android – एंड्रॉयड में पाई गई सुरक्षा खामियां
CERT-In की रिपोर्ट के मुताबिक, ये कमजोरियां केवल एक हिस्से तक सीमित नहीं हैं, बल्कि फ्रेमवर्क, एंड्रॉयड रनटाइम, सिस्टम, वाइडवाइन DRM, प्रोजेक्ट मेनलाइन कम्पोनेन्ट्स, कर्नेल, आर्म कम्पोनेन्ट्स, इमेजिनेशन टेक्नोलॉजीज, मीडियाटेक कम्पोनेन्ट्स, क्वालकॉम कम्पोनेन्ट्स और क्वालकॉम क्लोज्ड-सोर्स कम्पोनेन्ट्स जैसे कई महत्वपूर्ण हिस्सों को प्रभावित कर रही हैं। इन सभी फ्लॉज को ‘हाई सीवियरिटी रेटिंग’ दी गई है, जिसका मतलब है कि इनका दुरुपयोग यूजर्स के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।
अगर इन वल्नरेबिलिटीज को एक्सप्लॉइट कर लिया गया, तो साइबर अटैकर्स डिवाइस पर मनमाना कोड चला सकते हैं, एलिवेटेड प्रिविलेज हासिल कर सकते हैं, संवेदनशील डेटा एक्सेस कर सकते हैं या फिर डिवाइस को पूरी तरह काम करने से रोक सकते हैं।
Google Security Patch – गूगल ने जारी किया सिक्योरिटी पैच
इस खतरे को ध्यान में रखते हुए, Google ने पहले ही सभी पहचानी गई कमजोरियों के लिए सिक्योरिटी पैच जारी कर दिया है। हालांकि, एंड्रॉयड की संरचना के कारण यह पैच सीधे यूजर्स तक नहीं पहुंचता। Android एक ओपन-सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम है, और हर स्मार्टफोन निर्माता कंपनी जैसे Samsung (One UI), OnePlus (OxygenOS), Xiaomi (HyperOS) आदि अपनी कस्टम स्किन और फीचर्स के साथ एंड्रॉयड को मॉडिफाई करके यूजर्स को अपडेट देती है।
इसलिए, जब Google कोई सिक्योरिटी पैच जारी करता है, तो उसे पहले OEMs (Original Equipment Manufacturers) अपने सिस्टम में शामिल करते हैं और फिर धीरे-धीरे वह अपडेट यूजर्स तक पहुंचता है। CERT-In की एडवाइजरी के बाद उम्मीद की जा रही है कि यह पैच अब तक अधिकतर स्मार्टफोन ब्रांड्स के जरिए उपलब्ध करा दिया गया होगा।
Immediate Action Required – तुरंत उठाएं ये कदम
एजेंसी ने सभी यूजर्स को सलाह दी है कि जैसे ही उनके स्मार्टफोन पर नया सॉफ्टवेयर अपडेट या सिक्योरिटी पैच उपलब्ध हो, उसे तुरंत इंस्टॉल करें। अपडेट को टालना हैकर्स को मौका दे सकता है कि वे आपकी निजी जानकारी जैसे बैंकिंग डिटेल्स, पर्सनल फोटोज़ या ईमेल्स तक पहुंच जाएं।
इसके अलावा, यह भी जरूरी है कि यूजर्स अपने डिवाइस को समय-समय पर जांचते रहें कि कोई नया अपडेट उपलब्ध है या नहीं। कई बार यूजर्स नोटिफिकेशन को नज़रअंदाज़ कर देते हैं, जिससे उनका डिवाइस पुराने वर्जन पर चलता रहता है और हैकिंग का खतरा बढ़ जाता है।