महादेव सट्टा ऐप घोटाला: 7 राज्यों में ईडी का बड़ा एक्शन, 573 करोड़ की संपत्ति फ्रीज, अब तक 3002 करोड़ जब्त
इस कार्रवाई में 3.29 करोड़ रुपये नकद और 573 करोड़ रुपये से अधिक की डीमैट और बॉन्ड संपत्तियों को फ्रीज किया गया है।

नई दिल्ली/रायपुर: महादेव सट्टा ऐप घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 16 अप्रैल 2025 को एक बार फिर बड़ा कदम उठाया है। ईडी की रायपुर ज़ोनल टीम ने देश के 7 राज्यों में एक साथ छापेमारी कर सट्टेबाजी से जुड़े करोड़ों की संपत्ति जब्त की है। इस कार्रवाई में 3.29 करोड़ रुपये नकद और 573 करोड़ रुपये से अधिक की डीमैट और बॉन्ड संपत्तियों को फ्रीज किया गया है।
किन राज्यों में हुई छापेमारी?
ईडी ने दिल्ली, मुंबई, इंदौर, अहमदाबाद, चंडीगढ़, चेन्नई और संबलपुर (ओडिशा) में एक साथ रेड की। इस दौरान कई फर्जी कंपनियों और बेनामी खातों से जुड़े दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक सबूत जब्त किए गए हैं।
कैसे चलता था महादेव सट्टा ऐप का नेटवर्क?
महादेव ऑनलाइन बुक बेटिंग ऐप एक अम्ब्रेला सिंडिकेट की तरह काम कर रहा था, जो देशभर में अवैध सट्टेबाजी का ऑनलाइन प्लेटफॉर्म चला रहा था। ऐप के ज़रिए सट्टे की भारी कमाई की जाती थी, जिसे फर्जी कंपनियों और बेनामी खातों के ज़रिए मनी लॉन्ड्रिंग कर भारत से बाहर ट्रांसफर किया जाता था।
विदेशों से जुड़ा है काला धन नेटवर्क
जांच में सामने आया है कि इस सट्टेबाजी से कमाए गए पैसे को विदेशी एफपीआई (Foreign Portfolio Investors) जैसे मॉरीशस और दुबई स्थित इकाइयों के ज़रिए भारत के शेयर बाजार में निवेश किया गया। इसका मकसद स्मॉल और मीडियम कंपनियों में शेयर उतार-चढ़ाव पैदा कर मुनाफा कमाना और आम निवेशकों को गुमराह करना था।
निवेशकों की पहचान, संपत्ति फ्रीज
ईडी ने कुछ बड़े निवेशकों की पहचान की है, जिन्होंने इन कंपनियों में पैसे लगाए थे। इन सभी की संपत्ति फ्रीज कर दी गई है। साथ ही जिन प्रमोटरों और शेयर दलालों की मदद से इस पूरे घोटाले को अंजाम दिया गया, उन्हें भी जांच में शामिल किया गया है।
अब तक 3002 करोड़ की संपत्ति जब्त
महादेव सट्टा ऐप केस में अब तक ईडी ने 170 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की है। इसमें कुल 3002.47 करोड़ रुपये की अचल और चल संपत्तियां फ्रीज और अटैच की जा चुकी हैं। इस केस में अब तक 13 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, वहीं 74 संस्थाओं को अभियुक्त बनाया गया है।
ईडी की जांच जारी
ईडी की ओर से प्रेस नोट में बताया गया है कि महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप मामले की जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।
महादेव सट्टा ऐप घोटाला सिर्फ ऑनलाइन सट्टेबाजी का मामला नहीं है, बल्कि यह एक संगठित और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले हुए काले धन के नेटवर्क की बड़ी तस्वीर दिखाता है। ईडी की ताज़ा कार्रवाई ने इस अवैध कारोबार की गहराई को एक बार फिर उजागर किया है।