छत्तीसगढ़
Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ के इकलौते मानसिक अस्पताल की हालत खस्ता: सेंदरी अस्पताल में अव्यवस्थाओं का अंबार, हाईकोर्ट सख्त
छत्तीसगढ़ के इकलौते सरकारी मानसिक चिकित्सालय, सेंदरी में भारी अव्यवस्थाएं सामने आने के बाद अब हाईकोर्ट ने मामले में सख्ती दिखाई है। अस्पताल की बदहाल व्यवस्था, गंदगी और डॉक्टरों की लापरवाही को लेकर हाईकोर्ट ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव से जवाब तलब किया है।

BILASPUR HIGH COURT NEWS. छत्तीसगढ़ के इकलौते सरकारी मानसिक चिकित्सालय, सेंदरी में भारी अव्यवस्थाएं सामने आने के बाद अब हाईकोर्ट ने मामले में सख्ती दिखाई है। अस्पताल की बदहाल व्यवस्था, गंदगी और डॉक्टरों की लापरवाही को लेकर हाईकोर्ट ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव से जवाब तलब किया है।
हर दिन लगभग 150 मरीज इस अस्पताल में इलाज के लिए आते हैं, लेकिन यहां न तो टोकन सिस्टम है और न ही मरीजों की सुविधा के लिए कोई समुचित व्यवस्था। हाल ही में किए गए औचक निरीक्षण में सामने आया कि डॉक्टर मात्र डेढ़ घंटे अस्पताल में मौजूद रहते हैं, जबकि ड्यूटी समय सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक का है।
हाईकोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सेंदरी अस्पताल की व्यवस्था पर स्वतः संज्ञान लिया। कोर्ट ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य भी मौलिक अधिकार के तहत आता है और इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती। अब इस मामले में 16 जुलाई 2025 को अगली सुनवाई निर्धारित की गई है, जिसमें स्वास्थ्य सचिव को विस्तृत रिपोर्ट पेश करनी होगी।

स्टाफ की भारी कमी, सफाई व्यवस्था लचर
निरीक्षण रिपोर्ट के अनुसार, अस्पताल में सिर्फ दो वार्ड बॉय हैं जबकि यहां 180 से अधिक मरीज भर्ती रहते हैं। साफ-सफाई की हालत इतनी खराब है कि वार्डों से लेकर शौचालय तक गंदगी का अंबार है। वाटर कूलर तक खराब पड़े हैं और मरीजों के परिजनों के बैठने तक की सुविधा नहीं है।
बिना नाम-पहचान के चल रहा अस्पताल
अस्पताल के मुख्य प्रवेश द्वार पर कोई नेम बोर्ड नहीं है, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को लोकेशन तक ढूंढने में परेशानी होती है। अस्पताल की रंगाई-पुताई और सूचना बोर्ड तक नहीं लगाए गए हैं।
कोर्ट ने मांगा जवाब, निर्देशित की सुधार प्रक्रिया
हाईकोर्ट ने कहा कि अस्पताल में तत्काल प्रभाव से स्टाफ की नियुक्ति, सफाई व्यवस्था की बहाली, डॉक्टरों की समय पर उपस्थिति और टोकन सिस्टम जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। साथ ही स्वास्थ्य विभाग को अस्पताल की स्थिति सुधारने की रूपरेखा और समयबद्ध योजना पेश करने के निर्देश दिए हैं।