Crime In Surajpur: मासूम बच्ची के साथ गंभीर अपराध, आरोपी फरार, पुलिस कर रही तलाश
सूरजपुर जिले में एक मासूम बच्ची के साथ घरेलू सहायक द्वारा की गई अमानवीय हरकत से हड़कंप। पुलिस ने आरोपी की तलाश में विशेष टीम बनाई। NCRB रिपोर्ट ने बच्चों की सुरक्षा पर चिंता जताई।

CRIME NEWS SURAJPUR. सूरजपुर जिले में एक मासूम बच्ची के साथ घरेलू सहायक द्वारा की गई अमानवीय हरकत से हड़कंप। पुलिस ने आरोपी की तलाश में विशेष टीम बनाई। NCRB रिपोर्ट ने बच्चों की सुरक्षा पर चिंता जताई।
बता दें, सूरजपुर जिले के भटगांव थाना क्षेत्र में एक बेहद चिंताजनक घटना सामने आई है, जिसने समाज को झकझोर कर रख दिया है। यहां एक 5 साल की मासूम बच्ची के साथ एक व्यक्ति ने गंभीर अपराध को अंजाम दिया। आरोपी बीते दो वर्षों से पीड़िता के घर घरेलू सहायक (नौकर) के रूप में काम कर रहा था।
कैसे हुई घटना की जानकारी?
घटना के समय बच्ची घर पर ही खेल रही थी, तभी आरोपी उसे एक अलग कमरे में ले गया। थोड़ी देर बाद जब बच्ची रोती हुई मिली, तो उसकी मां ने बातचीत कर घटना के बारे में जाना और तत्काल स्थानीय थाने में सूचना दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
FIR दर्ज, आरोपी की तलाश जारी
भटगांव पुलिस ने एफआईआर दर्ज करते हुए दो विशेष टीमों का गठन किया है। एएसपी संतोष महतो ने बताया कि पुलिस टीमें आरोपी की गिरफ्तारी के लिए लगातार कार्रवाई कर रही हैं और जल्द ही उसे पकड़ लिया जाएगा।
छत्तीसगढ़ में बच्चों के खिलाफ अपराध पर NCRB रिपोर्ट के आंकड़े
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट बताती है कि छत्तीसगढ़ में बच्चों के खिलाफ अपराध के मामले चिंताजनक रूप से बढ़ रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, हर 5 घंटे में एक नाबालिग के खिलाफ अपराध दर्ज हो रहा है। इनमें 90% मामलों में आरोपी कोई जान-पहचान वाला या पारिवारिक व्यक्ति ही होता है।
रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, सूरजपुर और राजनांदगांव जैसे जिले बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से अधिक संवेदनशील माने जा रहे हैं।
विशेषज्ञों की राय: क्यों हो रही हैं ऐसी घटनाएं?
मनोवैज्ञानिक डॉ. कृष्णा दत्त का कहना है कि इन अपराधों के पीछे मानसिक असंतुलन, सामाजिक अलगाव और डिजिटल मीडिया की अनियंत्रित पहुंच जैसे कारण हैं। डॉ. दत्त के अनुसार, बच्चों को आसान लक्ष्य समझकर कुछ अस्वस्थ मानसिकता वाले लोग ऐसे अपराध कर बैठते हैं।
बच्चों की सुरक्षा: परिवार और समाज की ज़िम्मेदारी
इस घटना ने एक बार फिर बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर दी है। अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखें, उन्हें जागरूक करें और किसी भी असामान्य स्थिति में तुरंत पुलिस या चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 से संपर्क करें।
 
					 
					






 
					