छत्तीसगढ़

पद्मश्री हास्य कवि डॉ. सुरेंद्र दुबे का निधन: हार्ट अटैक की आशंका, साहित्य जगत में शोक की लहर

रायपुर के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में चल रहा था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से पूरे साहित्य जगत, खासकर हास्य कविता के क्षेत्र में गहरा शोक छा गया है

रायपुर | ब्रेकिंग न्यूज | 26 जून 2025 : अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध और पद्मश्री से सम्मानित हास्य कवि डॉ. सुरेंद्र दुबे का आज निधन हो गया। हार्ट अटैक की आशंका जताई जा रही है। उनका इलाज रायपुर के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में चल रहा था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से पूरे साहित्य जगत, खासकर हास्य कविता के क्षेत्र में गहरा शोक छा गया है।

हास्य कविता के अंतरराष्ट्रीय राजदूत थे सुरेंद्र दुबे

डॉ. सुरेंद्र दुबे केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि देश और विदेश में भी हास्य कविता के सशक्त स्तंभ के रूप में जाने जाते थे। उनकी कविताएं लोगों को न केवल गुदगुदाती थीं, बल्कि सामाजिक संदेश भी देती थीं। उन्हें पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया था, जो उनके साहित्यिक योगदान का प्रतीक है।

कुमार विश्वास और गृहमंत्री विजय शर्मा ने जताया शोक

प्रसिद्ध कवि डॉ. कुमार विश्वास ने सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा:

“छत्तीसगढ़ी भाषा और संस्कृति के वैश्विक राजदूत, मुझे सदैव अनुजवत स्नेह देने वाले, बेहद ज़िंदादिल मनुष्य, कविश्रेष्ठ पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे जी का निधन सम्पूर्ण साहित्य-जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।”

वहीं, छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा ने भी दु:ख प्रकट करते हुए लिखा:

“सुरेंद्र जी जीवनभर मुस्कान बांटते रहे, आज आंखें नम कर गए। छत्तीसगढ़ की माटी से लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों तक अपनी कविताओं से लोगों के दिलों में स्थान बनाने वाले महान कवि का जाना अत्यंत दुखद है।”

2018 में उड़ी थी मौत की अफवाह, बनाया था इस पर हास्य कविता

साल 2018 में एक गलतफहमी के चलते डॉ. सुरेंद्र दुबे की मौत की झूठी खबर इंटरनेट पर फैल गई थी। इस पर उन्होंने व्यंग्य और हास्य से भरपूर एक शानदार कविता लिखी थी। इसकी कुछ पंक्तियां आज भी उनके चाहने वालों के चेहरे पर मुस्कान ले आती हैं:

“मेरे दरवाजे पर लोग आ गए,
यह कहते हुए की दुबे जी निपट गए।
मैं निकला बोला- अरे चुप!
यह हास्य का कोकड़ा है, ठहाके का परिंदा है।
टेंशन में मत रहना बाबू, टाइगर अभी जिंदा है।”

इस कविता में उन्होंने व्यंग्यात्मक शैली में बताया कि लोग उनकी मौत की खबर सुनकर घर पहुंच गए थे, लेकिन उन्होंने सबको हंसाते हुए कहा था कि वे पूरी तरह स्वस्थ हैं।

साहित्यिक योगदान रहेगा अमर

डॉ. सुरेंद्र दुबे का साहित्य, विशेष रूप से हास्य और व्यंग्य विधा में योगदान, भारतीय साहित्य का अनमोल खजाना है। उनकी कविताएं और मंचों पर प्रस्तुत किए गए उनके हास्य संवाद सदैव लोगों के दिलों में जीवित रहेंगे।

डॉ. सुरेंद्र दुबे की प्रमुख विशेषताएं:

  • पद्मश्री सम्मानित हास्य कवि
  • अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व
  • हास्य-व्यंग्य को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया
  • 2018 में मौत की अफवाह पर खुद लिखी थी हास्य कविता
  • रायपुर के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में हुआ निधन

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