छत्तीसगढ़

10000 की रिश्वत लेते पकड़ा गया पटवारी सुल्तान सिंह बंजार,

छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार अब दफ्तर की चारदीवारी तक सीमित नहीं रहा—यह सीधे किसान की छाती पर बोझ बनकर बैठ गया है।

कोरबा :- छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार अब दफ्तर की चारदीवारी तक सीमित नहीं रहा—यह सीधे किसान की छाती पर बोझ बनकर बैठ गया है। कोरबा ज़िले के पसान थाना क्षेत्र अंतर्गत दुल्लापुर गांव के किसान सुमार सिंह से ज़मीन को ऑनलाइन करने के नाम पर 10,000 रुपए की रिश्वत मांगने वाला पटवारी सुल्तान सिंह बंजार आखिरकार रंगे हाथों पकड़ा गया।

ग्राम दुल्लापुर का किसान बना शिकार

पीड़ित किसान सुमार सिंह अपनी ज़मीन को ऑनलाइन रिकॉर्ड में दर्ज करवाना चाहता था। लेकिन सरकारी सेवा के नाम पर बैठा यह पटवारी, कानून की सेवा नहीं—अपनी जेब भरने में लगा था। उसने खुले तौर पर 10,000 रुपए की मांग की, जिसे किसान ने मजबूरी में स्वीकार किया, लेकिन साथ ही भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ भी उठाई।

एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई,

जैसे ही सुल्तान सिंह बंजार ने रिश्वत की रकम ली, एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने उसे मौके पर ही दबोच लिया। यह गिरफ्तारी न केवल पटवारी की बेईमानी को उजागर करती है, बल्कि उस पूरे सिस्टम पर भी सवाल उठाती है जो अब भी गांव-गांव में किसानों को लूट रहा है।

क्या एक पटवारी की गिरफ्तारी से हिलेगा पूरा सिस्टम?

सवाल यह नहीं कि एक सुल्तान सिंह पकड़ा गया—सवाल यह है कि ऐसे कितने ‘सुल्तान’ आज भी खुलेआम किसानों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं? क्या हर किसान के पास इतना साहस या साधन है कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा सके?

सत्ता के गलियारों में मौन, गांवों में अन्याय जारी

बड़े-बड़े मंचों से किसानों को ‘अन्नदाता’ कहा जाता है, लेकिन असल में यही अन्नदाता आज भी पटवारियों और बाबुओं की रिश्वतखोरी में पिस रहा है। कोरबा की यह घटना इस गंदे खेल का सिर्फ एक चेहरा है।

जनता पूछ रही है: क्या अब भी सिस्टम को सफाई की ज़रूरत महसूस नहीं होती?

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

one plus 15 launch in india