छत्तीसगढ़ के राजपाल महोदय से छात्र प्रतिनिधि मंडल ने राजभवन में अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति एडीएन. वाजपेई, कुलसचिव शैलेंद्र दुबे द्वारा व्याप्त भ्रष्टाचार, भर्ती गड़बड़ी एवं छात्र हितों की बात रखी
कुलपति प्रो एडीएन वाजपेई के मिलीभगत और संरक्षण के चलते विश्वविद्यालय के प्रशासनिक, शैक्षणिक तथा वित्तीय कार्यों में लगातार अनियमितता बरती जा रही है।

प्रदेश के बड़े राजकीय विश्वविद्यालय अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय, बिलासपुर में व्याप्त भ्रष्टाचार, अधिकारियों के मनमाने पूर्ण रवैए तथा छात्र विरोधी कार्यों की शिकायत छात्र छात्राओं के प्रतिनिधि मंडल ने छत्तीसगढ़ के मान.राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री रमेन डेका जी से राजभवन रायपुर में मुलाकात कर की, ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय में प्रभारी कुलसचिव डॉ शैलेंद्र दुबे के होने तथा कुलपति प्रो एडीएन वाजपेई के मिलीभगत और संरक्षण के चलते विश्वविद्यालय के प्रशासनिक, शैक्षणिक तथा वित्तीय कार्यों में लगातार अनियमितता बरती जा रही है।
छात्रों का आरोप है कि कॉमर्स विभाग में प्रोफ़ेसर के पद पर डॉ अतुल दुबे की नियुक्ति जो कि इसके पूर्व श्री राम कॉलेज(अशासकीय) जबलपुर में पदस्थ थे, यूजीसी रेगुलेशन के अनुसार उनका सकल मासिक वेतन सातवें वेतनमान की आवश्यक पात्रता की पूर्ति नहीं करता है और कुलपति प्रो वाजपेई के सहयोगी रहे साथ ही विश्वविद्यालय कार्यक्रम में सहभागी है। पूर्व में भी ऐसे व्यक्तियों की नियम विरुद्ध भर्ती की गई है, जैसे कुलपति के निज सहायक के पद पर उपेन चंद्राकर को जिसका ऑफिस मैनेजमेंट का प्रमाण पत्र लगाया गया है जो कि राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षा परिषद तथा यूजीसी से मान्यता प्राप्त नहीं है। जिस संस्थान की ऑफ कैंपस कोर्स के आधार पर जारी प्रमाण पत्र की विधिक मान्यता नहीं है और इस विश्वविद्यालय के विरुद्ध लगे 2 केसेस में एमपी हाइकोर्ट में विवि की हार हुई साथ ही फर्जी करार दिया गया है। इसी प्रकार से लाइब्रेरियन के पद पर पदस्थ की गई डॉ शालिनी शुक्ला भी यूजीसी नॉर्म्स अनुसार आयु संबंधी अहर्यता की पूर्ति नहीं करती तथा संचालक शारीरिक शिक्षा एवं खेलकूद के पद पर नियुक्त डॉ प्रमोद तिवारी भी निजी संस्थान में कार्यरत रहे, साथ ही कुलसचिव दुबे के रिश्तेदार भी है। कॉलेज डेवलेपमेंट हेड के पद पर हुई केके शर्मा की नियुक्ति भी आपात कार्य परिषद की बैठक बुलाकर नियमों में संशोधन के माध्यम से ले ली गई जो कि प्रारंभ से ही विवादों के घेरे में रही है, इनके पूरे कार्यकाल की जांच किए जाने पर सच्चाई सबके के सामने आएगी, *विश्वविद्यालय एल्युमिनी एसोसिएशन के सचिव सूरज सिंह राजपूत ने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एडीएन वाजपेई अपने निजी हितों के लिए कार्य कर रहे है, विश्वविद्यालय की राशि का दुरुपयोग कर अपनी छवि गढ़ने में लगे है ज्ञान पथ के होर्डिंग्स, कैलेंडर, काव्य संगोष्ठी यह तक कि लिफ्ट में भी में केवल उन्हीं की फोटो और विचार अंकित किए जाते हैं कुलपति का विवादों से पूर्व का नाता रहा है वित्तीय गड़बड़ी, महिला उत्पीड़न जैसे कई आरोपों के चलते वे पूर्व की 2 पदस्थापनाओं में अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए है।* प्रभारी कुलसचिव *डॉ शैलेंद्र दुबे भी नियमों को ठेंगा दिखाकर बिना निविदा मंगाए टेंडर जारी करने, वित्तीय कार्यों में बड़ी गड़बड़ियां करते आ रहे है जिससे केवल कमीशनखोरी कर जेबें भरे जाने का खेल चल रहा है जो खुद अपात्र होने का केस न्यायालय में झेल रहे है, इसलिए नियमित कुलसचिव की शासन से भर्ती करने, विश्वविद्यालय से संबंधित महाविद्यालय में पढ़ाई की स्थिति दयनीय होने,* शिक्षकों की कमी होने से क्लासेस नहीं लग पाती, छात्रों पर दबाव बनाने, समर वेकेशन और विभिन्न छात्र छात्राओं से जुड़ी समस्याएं भी राज्यपाल महोदय से लिखित दस्तावेजों के साथ रखी गई|
माननीय राज्यपाल श्री रमेन डेका जी ने विद्यार्थियों की सभी समस्याओं को गंभीरता पूर्व सुनकर त्वरित समाधान किया जाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए तथा सही पाये जाने पर सक्त कार्यवाही किए जाने का आश्वासन दिया है, साथ ही भारत रत्न अटल बिहारी जी के नाम से स्थापित वि.वि. में उनके अनुरूप अधिकारी, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों मिल के समग्र शिक्षा के विकास के लिए कार्य करना चाहिए*
इस दौरान प्रमुख रूप से अधिकारियों के साथ छात्र प्रतिनिधि सूरज सिंह राजपूत, आकाश शुक्ला, नीरज यादव, सौरभ दुबे , स्वप्निल पांडेय, आयुष खांडेकर, यशवंत सिंह, अनुराग तिवारी, राहुल कौशिक, अजीत के साथ अन्य शामिल रहे।