Bilaspur News:सरकारी स्कूल में मार्केटिंग क्लास — गुरुजी मोबाइल पर बिजनेस, बच्चे इंतज़ार में!
सरकारी स्कूल में बच्चों की किताबें बंद और शिक्षकों के मोबाइल ऑन! मस्तूरी ब्लॉक के बेलटुकरी गांव के सरकारी पूर्व माध्यमिक शाला बकोरी का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें दो शिक्षक क्लासरूम में पढ़ाने की बजाय मोबाइल में नेटवर्क मार्केटिंग के काम में व्यस्त दिखे। कुछ देर बाद दोनों कुर्सी पर ही सोते नजर आए।

BILASPUR NEWS. सरकारी स्कूल में बच्चों की किताबें बंद और शिक्षकों के मोबाइल ऑन! मस्तूरी ब्लॉक के बेलटुकरी गांव सरकारी पूर्व माध्यमिक शाला बकोरी का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें दो शिक्षक क्लासरूम में पढ़ाने की बजाय मोबाइल में नेटवर्क मार्केटिंग के काम में व्यस्त दिखे। कुछ देर बाद दोनों कुर्सी पर ही सोते नजर आए।
ग्रामीणों ने बताया कि ये दोनों शिक्षक अक्सर स्कूल टाइम में मोबाइल चलाने या अपने निजी कामों में व्यस्त रहते हैं। आरोप है कि स्कूल के हेडमास्टर गणेशराम मिरी के संरक्षण के कारण अब तक किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं हुई है। पैरेंट्स ने यह भी बताया कि ये शिक्षक आए दिन नेटवर्क मार्केटिंग सेमिनारों और मीटिंगों में शामिल होने के लिए स्कूल से गैरहाजिर रहते हैं।
हेडमास्टर पर भी सवाल, पहले रह चुके निलंबित
गांववालों ने आरोप लगाया है कि हेडमास्टर गणेशराम मिरी पहले भी कार्य में लापरवाही बरतने के चलते निलंबित हो चुके हैं, फिर भी उन्हें उसी संकुल केंद्र में वापस बहाल कर दिया गया। अब उन्हीं के संरक्षण में ये शिक्षक बिना डर के मनमानी कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हेडमास्टर दोनों शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज कर उनका वेतन बनवा रहे हैं, जिससे लोगों में आक्रोश है।
हेडमास्टर ने दिया गोलमोल जवाब
मामले में जब गणेशराम मिरी से बात की गई तो उन्होंने किसी भी जानकारी से इनकार करते हुए गोलमोल जवाब दिया। वहीं विकासखंड शिक्षा अधिकारी शिवराम टंडन ने बताया कि स्कूल का निरीक्षण कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी और रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी।
शिक्षक बोले- गूगल से बच्चों को पढ़ा रहे थे
वायरल वीडियो में दिखे एक शिक्षक दिलीप तिग्गा ने मोबाइल इस्तेमाल को सही ठहराते हुए कहा कि वे गूगल से जानकारी लेकर बच्चों को पढ़ा रहे थे। लेकिन वीडियो में वे मोबाइल चलाने के बाद कुर्सी पर सोते नजर आए, जिससे उनकी सफाई पर सवाल उठ रहे हैं। ग्रामीणों की मांग है कि शिक्षा विभाग तुरंत जांच कर कार्रवाई करे ताकि बच्चों की पढ़ाई फिर से पटरी पर लौट सके।






