High Court Bilaspur: संविदा कर्मियों के पक्ष में फैसला, हाईकोर्ट ने 4 माह में नियमित करने जारी किया आदेश, जानिए पूरा मामला
याचिकाकर्ता नीलिमा यादव, रश्मि नागपाल सहित 40 अन्य कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में अपने नियमितीकरण के लिए याचिका दायर की थी। याचिका में हाईकोर्ट को बताया गया कि याचिकाकर्ता एनआईटी रायपुर के संविदा और दैनिक भोगी कर्मचारी है।

HIGH COURT BILASPUR NEWS छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में रायपुर एनआईटी में कार्यरत संविदा कर्मियों व दैनिक वेतन भोगी ने याचिका दायर कर नियमित करने की मांग की थी। मामले की सुनवाई जस्टिस एके प्रसाद के सिंगल बेंच में हुई। हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए एनआईटी के संविदा और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश दिया है। आदेश में आने वाले 4 माह तक नियमित करने कहा है।
बता दें, याचिकाकर्ता नीलिमा यादव, रश्मि नागपाल सहित 40 अन्य कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में अपने नियमितीकरण के लिए याचिका दायर की थी। याचिका में हाईकोर्ट को बताया गया कि याचिकाकर्ता एनआईटी रायपुर के संविदा और दैनिक भोगी कर्मचारी है। इन सभी की नियुक्ति के लिए विधि अनुरूप विज्ञापन जारी किया गया। लिखित परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद ही अभ्यर्थियों का इंटरव्यू लिया गया फिर मेरिट के आधार पर नियुक्त किया गया था।
सभी कर्मचारी जिस पद पर कार्यरत है उसकी शैक्षणिक योग्यता व अनुभव भी रखते हैं। सभी कर्मचारी नियमित पद के विरूद्ध कार्यरत है। सभी को कार्य करते हुए 10 साल से अधिक का समय हो गया है। याचिकाकर्ताओं ने अधिवक्ता दीपाली पांडेय के माध्यम से याचिका दायर की थी। अधिवक्ता ने हाईकोर्ट के समक्ष सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित स्टेट ऑफ कर्नाटक वी उमा देवी, स्टेट ऑफ कर्नाटक वी एम एल केसरी, विनोद कुमार व अन्य यूनियन ऑफ इंडिया स्टेट ऑफ, स्टेट ऑफ ओडिशा वि मनोज कुमार प्रधान, श्रीपाल व अन्य नगर निगम गाजियाबाद के अनेक आदेशों का न्यायादृष्टांत प्रस्तुत किया।
एनआईटी के अधिवक्ता ने किसी नियमितीकरण के लिए नियम नहीं होने का तर्क रखा। इस तर्क को अधिवक्ता दीपाली पांडेय ने स्वीकार किया। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह माना कि याचिकाकर्ताओं को कार्य करते 10 साल से लेकर 16 साल हो चुका है। यह कर्मचारी जिस पद पर पहले से ही काम कर रहे हैं उसी पद के तहत इन्हे नियमित किया जा सकता है। हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए आगामी 4 माह के अंदर सभी संविदा व दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने कहा है।