High Court Bilaspur:कछुओं के मौत पर HC ने DFO को लगाई फटकार, टिप्पणी करते हुए नाराजगी जताई
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में महामाया मंदिर के कुंड में 24 कछुओं के मौत मामले में आरोपी को बेल की याचिका की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को गलत धारा लगाए जाने की जानकारी कोर्ट दी।

HIGH COURT BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में महामाया मंदिर के कुंड में 24 कछुओं के मौत मामले में आरोपी को बेल की याचिका की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को गलत धारा लगाए जाने की जानकारी कोर्ट दी। इस पर चीफ जस्टिस ने डीएफओ पर जमकर नाराजगी जताई और टिप्पणी करते हुए कहा कि डीएफओ आइएफएस रैंक के अधिकारी है। क्या पढ़ा है उन्होंने और उन्हें इतना भी नहीं मामलू है क्या कि कौन से केस में कौन सी धारा लगाई जानी चाहिए। कोर्ट ने आरोपी के अग्रिम जमानत को मंजूरी दे दी है।
बता दें, नवरात्रि के पूर्व महामाया मंदिर रतनपुर में वहां स्थित कुंड की सफाई के दौरान 24 कछुाओं के मौत का मामला सामने आया था। इस मामले में वन विभाग ने जांच की और तीन लोगों को मुख्य आरोपी बनाया। इसमें महामाया मंदिर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष सतीश शर्मा ने अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसकी सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने तल्ख टिप्पणी करते हुए वन विभाग के डीएफओ पर नाराजगी जताई। कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिका को स्वीकार किया।
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याचिकाकर्ता के वकील ने सतीश शर्मा का पक्ष रखते हुए बताया कि समिति के निर्णय से ही कुंड की सफाई कराई गई थी। इस मामले में वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 9 के तहत केस दर्ज किया गया है। यह एक्ट शिकार के लिए होता है लेकिन आरोपी सतीश शर्मा पर शिकार का आरोप नहीं है। उन पर आरोप है कि उन्होंने सफाई के लिए ताला खुलवाने के लिए परमिशन दी थी। जिसके बाद सफाई के दौरान कछुओं की मौत हुई थी।
रात को सफाई कराने के पर कोर्ट ने प्रश्न भी उठाया लेकिन वकील ने जवाब देते हुए बताया कि नवरात्रि होने के कारण ही रात में सफाई कराया गया था। ऐसे में कछुओं की मौत हुई तो इसमें शिकार का मामला तो बनता ही नहीं है। याचिकाकर्ता ने केवल सफाई के लिए ताला खोला था शिकार नहीं किया है। कुंड में फूल-पत्ती व पूजा की सामग्री को विसर्जित किया जाता है। इस वजह से गंदगी होने के कारण सफाई कराई गई थी। इस पर कोर्ट ने उनकी याचिका को स्वीकार कर अग्रिम जमानत को मंजूरी दी।