छत्तीसगढ़

Mayor Salary in Chhattisgarh: महापौर की कितनी होती है सैलरी और जानिए क्या-क्या मिलती है सुविधाएं

छत्तीसगढ़ में नगरीय निकायों के चुनावी परिणाम 15 फरवरी को जारी किए गए। जिसमें 10 नगर निगम में चुनाव संपन्न हुए और सभी में बीजेपी ने ही बाजी मारी और चुनाव जीतने के बाद भाजपा ने अपना मेयर (महापौर) नियुक्त किया। मेयर बनने से पहले प्रत्याशियों द्वारा चुनाव में कई लाख रुपए खर्च कर दिए जाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि मेयर बनने के बाद उनकी सैलरी और सुविधा क्या-क्या होती हैं।

BILASPUR: SMARTVANI DESK.छत्तीसगढ़ में नगरीय निकायों के चुनावी परिणाम 15 फरवरी को जारी किए गए। विधानसभा में प्रचंड बहुमतों से जीतने वाली बीजेपी को नगरी निकाय चुनाव में भी बहुमत मिला। छत्तीसगढ़ की सभी नगर निगमों पर अब बीजेपी का कब्जा हो गया है। छत्तीसगढ़ में कुल 14 नगर निगम है जिसमें से 10 में चुनाव संपन्न हुआ और सभी में बीजेपी की जीत हुई और साथ ही साथ अन्य पार्टियों के उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा।

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लोग अक्सर सोचते हैं कि प्रत्याशियों द्वारा चुनाव में कई लाखों रुपए खर्च कर दिए जाते हैं पर इन सब के बाद सवाल उठता है कि पद में आने के बाद उनकी सैलरी (वेतन) और सुविधाएं क्या-क्या होती होगीं। मेयर की इतनी सैलरी होगी आप सुनकर दंग रह जाएंगे।

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मेयर को मिलती है इतनी सैलरी
जिन शहरों की आबादी 5 लाख से अधिक होती है उन्हें नगर निगम बनाया जाता है और हर नगर निगम का प्रतिनिधि महापौर या मेयर होता है। यह महापौर ही अपने नगर निगम में विकास कार्यों के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं। इन्हें छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 26000 सैलरी और 4000 भत्ता प्रति माह दिया जाता है, वेतन के अलावा इन्हें गाड़ी, बंगला, कर्मचारी आदि की सुविधा मिलती हैं।

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वेतन के अलावा निगम के बैठक या वार्ड समिति की बैठक में भाग लेने पर महापौर को या उसकी तरफ से भेजे गए सदस्य को 225 रुपए प्रति बैठक भत्ता देने का प्रावधान है। यह भत्ता ₹900 प्रति माह से अधिक नहीं किया जा सकता। वहीं महापौर को पूरे साल में लगभग 6.60 लाख रुपए का मानदेय मिलता है।

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