छत्तीसगढ़

AU News Bilaspur:अटल विश्वविद्यालय में एक बार फिर उठे सवाल: दैनिक वेतनकर्मी मनीष सक्सेना पर गंभीर आरोप, निजी लाभ के लिए विश्वविद्यालय संसाधनों का दुरुपयोग!

अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय एक बार फिर विवादों में घिर गया है। इस बार विश्वविद्यालय के एक रसूखदार दैनिक वेतनकर्मी डॉ. मनीष सक्सेना पर गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि सक्सेना ने विश्वविद्यालय के मानव संसाधन और सरकारी संसाधनों का निजी हित में दुरुपयोग किया है।

AU NEWS BILASPUR.अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय एक बार फिर विवादों में घिर गया है। इस बार विश्वविद्यालय के एक रसूखदार दैनिक वेतनकर्मी डॉ. मनीष सक्सेना पर गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि सक्सेना ने विश्वविद्यालय के मानव संसाधन और सरकारी संसाधनों का निजी हित में दुरुपयोग किया है।

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जानकारी के अनुसार, मनीष सक्सेना जो वर्तमान में विश्वविद्यालय में दैनिक वेतनकर्मी के रूप में कार्यरत हैं और पीएचडी सेल के भी प्रभारी हैं, उन्होंने विश्वविद्यालय के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को अपने उसलापुर स्थित निजी स्पोर्ट्स अकैडमी में हर शनिवार निजी कार्यों में लगाया, और उसका भुगतान विश्वविद्यालय के खाते से करवाया। एक स्टिंग ऑपरेशन में विश्वविद्यालय के छह डेली वेजेस कर्मचारी निजी संस्था में काम करते पकड़े गए हैं।

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सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि 12-13 हजार रुपये मासिक वेतन पाने वाला एक कर्मचारी आखिर लगभग 10 लाख रुपये की लागत से आधुनिक सुविधाओं से युक्त स्पोर्ट्स अकैडमी कैसे खोल सकता है? आरोप है कि सक्सेना के बैंक खातों की जांच होनी चाहिए ताकि आय के स्रोतों की सच्चाई सामने आ सके।

इतना ही नहीं, सक्सेना पर विश्वविद्यालय में टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता, भाई को ठेका दिलवाना, कार्यों को स्प्लिट कर मनचाहे टेंडर देना, और विश्वविद्यालय से गैरकानूनी अग्रिम भुगतान प्राप्त करने जैसे गंभीर आरोप हैं। सूत्रों का कहना है कि इन सभी गतिविधियों में उन्हें प्रभारी कुलसचिव डॉ. शैलेन्द्र दुबे का संरक्षण प्राप्त है।

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पीएचडी में गड़बड़ियों के आरोप:
बताया गया है कि पीएचडी सेल के प्रभारी रहते हुए उन्होंने अपने परिचितों को नियमों को ताक पर रखकर एडमिशन दिलाया, कोर्सवर्क में मनमानी की, प्लेगरिज्म रिपोर्ट में धांधली की और इसके एवज में कमीशन लिया। इन शिकायतों को विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष कई बार रखा गया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

पूर्व में भी विवादों में रहा है नाम:
मनीष सक्सेना का इतिहास भी विवादों से भरा रहा है। साल 2010 में सीएमडी कॉलेज से गलत आचरण के कारण बर्खास्त किया गया था। वहीं, 2019 में अटल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. जीडी शर्मा द्वारा हेराफेरी के आरोप में छह महीने के लिए नौकरी से निकाला गया था। सक्सेना पर सरकारी वाहन के दुरुपयोग, देर से दफ्तर आने, रेगुलर पीजी कोर्स में नामांकन जैसे अन्य कई आरोप भी लगे हैं।

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शिकायतकर्ताओं ने शासन-प्रशासन से की मांग:
इन तमाम आरोपों और सबूतों के आधार पर शिकायतकर्ताओं ने शासन और प्रशासन से निष्पक्ष जांच कराने और सख्त कार्रवाई की मांग की है। अब देखना यह होगा कि अटल विश्वविद्यालय प्रशासन इन गंभीर आरोपों पर क्या रुख अपनाता है और क्या रसूखदार कर्मचारियों पर भी कभी सख्त कार्रवाई संभव हो पाएगी।

 

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