Bilaspur News: कड़ाके की ठंड से बिलासपुर में स्कूल टाइम बदला; शहर में अलाव जलाने के आदेश, NDMA–IMD की कड़ी चेतावनी
बिलासपुर में बढ़ती शीतलहर और कड़कड़ाती ठंड को देखते हुए कलेक्टर संजय अग्रवाल ने स्कूलों के समय में बदलाव के निर्देश जारी किए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) विजय टांडे द्वारा जारी आदेश के मुताबिक जिले के सभी शासकीय, अशासकीय, अनुदान प्राप्त और सीबीएसई से संचालित स्कूलों में नए समय का पालन अनिवार्य होगा।

BILASPUR NEWS. बिलासपुर में बढ़ती शीतलहर और कड़कड़ाती ठंड को देखते हुए कलेक्टर संजय अग्रवाल ने स्कूलों के समय में बदलाव के निर्देश जारी किए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) विजय टांडे द्वारा जारी आदेश के मुताबिक जिले के सभी शासकीय, अशासकीय, अनुदान प्राप्त और सीबीएसई से संचालित स्कूलों में नए समय का पालन अनिवार्य होगा।
स्कूलों के नए समय
दो पाली वाले स्कूल:
- पहली पाली (सोम–शुक्र): सुबह 8:00 से 11:45 बजे
- शनिवार: दोपहर 12:00 से शाम 4:00 बजे
- दूसरी पाली (सोम–शुक्र): दोपहर 12:00 से शाम 4:00 बजे
- शनिवार: सुबह 8:00 से 11:45 बजे
एक पाली वाले स्कूल:
- सोम–शुक्र: सुबह 10:00 से शाम 4:00 बजे
- शनिवार: सुबह 8:00 से 11:45 बजे
शहर में अलाव की व्यवस्था शुरू
नगर निगम ने जिले में ठंड से राहत देने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने के निर्देश दिए हैं। अपर आयुक्त खजांची कुमार ने बताया कि जोन कमिश्नरों को प्रमुख चौराहों पर तुरंत व्यवस्था करने को कहा गया है।
जोन कमिश्नर प्रवीण शुक्ला ने बताया कि शुक्रवार रात से नेहरू चौक, राजीव गांधी चौक, देवकीनंदन चौक और महाराणा प्रताप चौक सहित कई स्थानों पर अलाव जलाए जाएंगे। जरूरत पड़ने पर अन्य जगहों पर भी व्यवस्था की जाएगी।
NDMA और IMD की एडवाइजरी जारी
बढ़ती शीतलहर को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने संयुक्त एडवाइजरी जारी की है।
एडवाइजरी में कहा गया है कि—
- अनावश्यक बाहर न निकलें
- गर्म कपड़े पहनें और शरीर को गरम तरल पदार्थ देते रहें
- सिर, कान, हाथ, पैर को ढंककर रखें
तेज कंपकंपी, उंगलियों का पीला या सफेद पड़ना, बोलने या सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण दिखें तो यह हाइपोथर्मिया या फ्रॉस्टबाइट का संकेत हो सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी गई है।
बंद कमरे में कोयला जलाना खतरनाक
एडवाइजरी के अनुसार बंद कमरे में कोयला या आग जलाना घातक हो सकता है। इससे जहरीली गैसें जमा होने और शरीर का तापमान तेजी से गिरने का खतरा होता है।
यदि किसी का तापमान बहुत कम हो जाए, तो उसे गर्म कपड़ों से ढंककर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। हाइपोथर्मिया कई बार जानलेवा भी साबित हो सकता है।
प्रशासन की अपील
- मौसम के अनुसार कपड़े पहनें
- आग जलाते समय कमरे को हवादार रखें
- स्वास्थ्य समस्या होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुँचें
- बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों की विशेष देखभाल करें






