Education News: हाईकोर्ट ने निर्देश के बाद प्रदेश के निजी स्कूलों में नहीं होगें प्री बोर्ड एग्जाम, जारी हुआ आदेश
हाई कोर्ट के निर्देश के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने यह आदेश जारी किए हैं। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बीते दिनों पांचवी और आठवीं की केंद्रीकृत परीक्षा लिए जाने का फैसला लिया गया था। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में आदेश भी जारी किया था।

एजुकेशन न्यूज. हाईकोर्ट ने निर्देश के बाद प्रदेश के निजी स्कूलों में नहीं होगें प्री बोर्ड एग्जाम, जारी हुआ आदेश
रायपुर. हाईकोर्ट ने निर्देश के बाद अब राज्य शासन ने आदेश जारी किया है। प्रदेश में निजी स्कूलों में प्री बोर्ड एग्जाम नहीं होंगे। 5वीं व 8वीं के बोर्ड के एग्जाम नहीं कराए जांगे। स्कूल शिक्षा विभाग ने यह आदेश जारी किया है।
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बता दें, हाई कोर्ट के निर्देश के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने यह आदेश जारी किए हैं। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बीते दिनों पांचवी और आठवीं की केंद्रीकृत परीक्षा लिए जाने का फैसला लिया गया था। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में आदेश भी जारी किया था। आदेश के तहत सभी शासकीय और गैर शासकीय विद्यालयों में पांचवी और आठवीं बोर्ड की परीक्षाएं केंद्रीकृत रूप से आयोजित किए जाने थे। लेकिन शासन का यह आदेश कुछ निजी स्कूलों को नागवार गुजरा और उन्होंने इस मामले में हाईकोर्ट की शरण ली। इसके बाद हाईकोर्ट ने अब नया फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट के फैसले से निजी स्कूलों के लिए अब पांचवी और आठवीं बोर्ड की परीक्षा में सम्मिलित होने की बाध्यता खत्म हो गई है।
आदेश में शिक्षा विभाग ने कहा है कि जो अशासकीय विद्यालय सत्र 2024 25 की पांचवी एवं आठवीं की केंद्रीय के परीक्षा में सम्मिलित नहीं होना चाहते हैं उन्हें इस सत्र छूट दी जाए। साथ यह भी कहा गया है कि जिला शिक्षा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि किसी भी अशासकीय विद्यालय को सत्र को सत्र 2024 25 की पांचवी आठवीं की केंद्रीय के परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए बाध्य न किया जाए।इस आदेश में यह भी कहा गया है कि जो या ऐसे अशासकीय कीयब विद्यालय जो सत्र 2024 25 की 5 कक्षा पांचवी एवं आठवीं की केंद्रीय की परीक्षा में सम्मिलित होना चाहते हैं, उन्हें परीक्षा में सम्मिलित किया जाए।
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राज्य शासन द्वारा बीते दिनों यह निर्णय लिया गया था कि इस वर्ष से पांचवी और आठवीं की परीक्षाएं केंद्रीय के रूप से आयोजित की जाएगी जिन्हें प्री बोर्ड एग्जाम के तौर पर देखा जा रहा था। इसके पीछे शासन की मंशा थी कि प्रदेश के छात्रों के नॉलेज और ज्ञान में इजाफा हो और उन्हें सही एवं उचित शिक्षा मिल सके। साथ ही किसी भी बोर्ड परीक्षा से पहले ही उन्हें बोर्ड परीक्षा जैसा अनुभव भी मिल सके। सभी शासकीय विद्यालयों में पांचवी आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं कराई जा रही है, कुछ निजी विद्यालय भी इसके पक्ष में हैं। लेकिन कुछ निजी विद्यालयों ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका का दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है, और इस वर्ष पांचवी और आठवीं की केंद्रीकृत परीक्षा में सम्मिलित होने की बाध्यता को खत्म कर दिया है।
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