Education News:सेंट्रल लाइब्रेरी में सुविधाओं के नाम पर ठगे गए छात्रों का आक्रोश, लाइब्रेरी के बाहर हंगामा
पहले लाइब्रेरी का फीस 300 उसके पश्चात 500 अब इस राशि को 700 कर रहे हैं कुछ समय पश्चात यह राशि बढ़कर और अधिक हो जाएगी तब आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे क्या करेंगे यह एक विचारणीय विषय है l

EDUCATION NEWS BILASPUR. सेंट्रल लाइब्रेरी शहर में खास तौर पर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों छात्रों को अच्छा माहौल उपलब्ध कराने के लिए बनाया गया है। यहां पर स्टूडेंट्स की भी संख्या अधिक है। लेकिन लगातार प्रबंधन ने फीस में बढ़ोत्तरी की इसके बाद भी मूलभूत सुविधाएं नहीं होने से छात्रों में आक्रोश है। छात्रों ने बुधवार को लाइब्रेरी के बार एकत्रित होकर जमकर हंगामा मचाया है। प्रबंधन की कमी को दूर करने की मांग की है। वहीं शासन-प्रशासन से इसमें हस्तक्षेप करने कहा है।
बता दें, पहले लाइब्रेरी का फीस 300 उसके पश्चात 500 अब इस राशि को 700 कर रहे हैं कुछ समय पश्चात यह राशि बढ़कर और अधिक हो जाएगी तब आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे क्या करेंगे यह एक विचारणीय विषय है l इसके अलावा, लाइब्रेरी में पानी ,एसी, पंखे, कंप्यूटर, और वाई-फाई जैसी मूलभूत सुविधाएँ भी दुरुस्त नहीं हैं।
छात्रों ने सरकार से मांग की है कि लाइब्रेरी को नालंदा के तर्ज पर 24 घंटे , BPL CARD का पुनः संचालन और सुविधायुक्त तरीके से निम्नतम अवकाश, निर्धन और जरूरतमंदों के लिए करने का प्रयास करें। जिससे अंतिम रूप से पिछड़े प्रतिभावान छात्र एवं छात्राओं को मौका मिले और केवल धनराशि की कमी ही उनके प्रतिभा के बीच में रोडा ना बन सके l
राज्य सरकार अपने बजट में लगभग 17 जिसकी बजट राशि लगभग 20 करोड़ हैं को तक्षशिला एवं नालंदा के तर्ज पर जिला मुख्यालय में लाइब्रेरी बनाने की योजना रखी हुई है परंतु इस लाइब्रेरी का लाभ यदि सामान्य एवं पिछड़े बच्चों को नहीं मिल पाया और लाइब्रेरी का उद्देश्य केवल व्यवसाय करना रह गया तो अधिक लाइब्रेरी बनने का कोई औचित्य दिखाई नहीं पड़ रहा है क्योंकि शहरों में प्राइवेट लाइब्रेरी की कमी नहीं है l
जरूरत है तभी तो आते हैं लाइब्रेरी
छात्र-छात्राओं का कहना है कि यदि वह ज्यादा राशि दे पाने में सक्षम रहते तो वह शासकीय लाइब्रेरी की ओर रुख क्यों करते वे अति सुविधा युक्त प्राइवेट लाइब्रेरी को पसंद करते यदि सेंट्रल लाइब्रेरी भी इतना महंगा हो जाएगा तो सामान्य बच्चे कहां पढ़ेंगे l