महाकुंभ में आए 65 करोड़ श्रद्धालुओं की गिनती कैसे हुई? पढ़िए पूरी रिपोर्ट।
महाकुंभ हिंदू धर्म का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है, जिसमें लोग करोड़ों की संख्या में इकट्ठा होते हैं, तो इसको लेकर लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि महाकुंभ में आए 65 करोड़ लोगों की गिनती कैसे की गई होगी। क्या आपके मन में भी ऐसे सवाल है? Mahakumbh mein Aaye logon ki ginti kaise ki Gai hogi?

Mahakumbh news 2025: महाकुंभ पर्व हिंदुओं के आस्था का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है, इस बार का महाकुंभ सबसे खास था क्योंकि 144 साल बाद ऐसा संयोग देखने को मिलता है। करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु संगम पर स्नान करने आते हैं, त्रिवेणी संगम के साथ-साथ यहां आकर्षण का केंद्र नागा साधुओं को भी माना जाता है जो कि हमें साल भर कहीं दिखाई नहीं देते पर महाकुंभ के पर्व में यह लाखों की संख्या में इकट्ठा हो जाते हैं। इस बार का महाकुंभ काफी खास रहा क्योंकि ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि इस महाकुंभ में 40 करोड़ श्रद्धालु स्नान करने पहुंचेंगे पर यह रिकॉर्ड टूटते हुए महाकुंभ में लगभग 65 करोड़ श्रद्धालुओं का आगमन हुआ।
ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि इन 65 करोड़ श्रद्धालुओं की गिनती कैसे की गई होगी आखिर कैसे पता चला होगा कि महाकुंभ में 65 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे थे, क्या आपको ऐसा तो नहीं लग रहा कि आंकड़ों को बढ़ा चढ़ा कर पेश किया गया है, हमारे देश में बहुत सारे लोग इन आंकड़ों पर विश्वास नहीं कर रहे हैं। इस लेख के माध्यम से हम इन्हीं सब बातों पर पर्दा उठाने वाले हैं।
आइए हम आपको बताते हैं कि क्या यह सम्भव है ?
महाकुंभ में आज श्रद्धालुओं की गिनती करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस artificial intelligence (AI) का इस्तेमाल किया था।
महाकुंभ क्षेत्र के अंतर्गत लगभग 500 कैमरे लगाए गए थे जो AI के उपयोग से संचालित होते हैं। यह कैमरे पूरे मेला क्षेत्र में आने वाले लोगों की गिनती तीन प्रकार से करते हैं-
पहला – एक क्षेत्रफल में कितने लोगों की जनसंख्या है और वहां उपस्थित भीड़ के घनत्व का अनुमान लगाकर जनसंख्या की गिनती की जाती है।
दूसरा – ऊपर से देखने पर लोगों के सिर साफ-साफ नजर आते हैं। ऐसे में कैमरे द्वारा मेला क्षेत्र में उपस्थित लोगों के हेड काउंट (Head Count) से जनसंख्या का पता लगाया जा सकता है।
तीसरा तरीका है – इस तरीके में AI द्वारा लोगों के चेहरों को पहचान कर जनसंख्या की गिनती की जाती है जिसे facial recognition कहते हैं। इसमें चेहरे को पहचान कर उनका डाटा बनाया जाता है, और यह ध्यान रखा जाता है कि एक व्यक्ति को दो बार ना गिना जाए। एक केस ऐसा भी हो सकता है जिसमें एक व्यक्ति महाकुंभ क्षेत्र में आया हो और उसकी गिनती कर ली गई हो फिर अगर वह दूसरे दिन मेला क्षेत्र में आया होगा उसके बाद भी उसकी गिनती कर ली जाती है तो ऐसा मान के चलिए की जो लोग एक से ज्यादा बार महाकुंभ में आए होंगे उनकी गिनती एक से अधिक बार हुई होगी। परंतु ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि ऐसे लोगों को गिनती लगभग एक परसेंट से भी कम रही होगी, जिससे डाटा में ज्यादा फर्क नहीं पड़ा होगा.
वर्तमान समय में सभी देशों में भी भीड़ में उपस्थित जनसंख्या की गिनती के लिए AI सिस्टम की मदद ली जाती है। इस AI सिस्टम का सक्सेस रेट लगभग 90 से 99% के बीच रहता है। आपको पता होगा कि 2022 में कतर में फीफा वर्ल्ड कप का आयोजन हुआ था उसे समय भी जनसंख्या की गिनती के लिए AI सिस्टम की सहायता ली गई थी।