High Court News: यौन शोषण मामले में बड़ा फैसला, कहा युवती की सहमति हो तो नहीं माना जा सकता यौन शोषण, जानिए पूरा मामला
सोशल मीडिया में फेसबुक माध्यम से वर्ष 2018-19 में युवती की युवक से पहचान हुई। पहचान दोस्ती में बदला और प्रेम संबंध में बदल गया। इसके बाद युवक ने शादी का झांसा देकर यौन शोषण किया। बाद में युवक ने शादी करने से इनकार कर दिया।

HIGH COURT NEWS BILASPUR. यौन शोषण से जुड़े बहुत से मामले इन दिनों सामने आ रहे हैं। जहां पर सोशल मीडिया के माध्यम से अनजान युवक-युवती दोस्ती करते हैं फिर प्यार, मोहब्बत के चक्कर में पड़ जाते है। इतना ही नहीं शारीरिक संबंध भी बना लेते हैं और जब इन सबके बाद युवक शादी से इनकार करता है तो इसे शारीरिक शोषण के रूप में मानकर केस दर्ज किया जाता है। ऐसा ही एक मामला हाईकोर्ट में चल रहा है। मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। ऐसे मामले में जब युवती की सहमति होगी तो इसे यौन शोषण नहीं माना जाएगा। ऐसा कहते हुए याचिका को खारिज कर दिया।
बता दें, सोशल मीडिया में फेसबुक माध्यम से वर्ष 2018-19 में युवती की युवक से पहचान हुई। पहचान दोस्ती में बदला और प्रेम संबंध में बदल गया। इसके बाद युवक ने शादी का झांसा देकर यौन शोषण किया। बाद में युवक ने शादी करने से इनकार कर दिया। इस पर पीड़िता युवती ने मामला दर्ज कराया। जहां पर ट्रायल कोर्ट में आरोपी युवक को दोषमुक्त कर दिया गया। वहीं इस फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। इसकी सुनवाई करते हुए मामले में कहा कि यदि ऐसे मामलों में पीड़िता की सहमति होती है तो आरोपी को दोषी नहीं माना जाएगा।
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जानें पूरा मामला
मामला बेमेतरा जिले का है। जहां पर वर्ष 2018-19 में सोशल मीडिया के फेसबुक के माध्यम से युवक-युवती की दोस्ती हुई। फिर प्यार हुआ और प्रेम संबंध बढ़ता गया जो शारीरिक संबंध में बदल गया। फिर लगातार युवक, युवती का शारीरिक शोषण करता रहा। बाद में शादी करने से इनकार कर दिया। इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक बेमेतरा से की गई। इस शिकायत में बताया गया कि फेसबुक के माध्यम से पहचान हुई। इसके बाद शारीरिक संबंध बने। आरोपी ने पीड़िता को 2021 की रात में 11 बजकर 30 मिनट पर फोर करके बुलाया और अपनी मोटर साइकिल में बिठाकर उसे अपने दोस्त के घर ले गया।
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आरोपी ने शादी करने की बात कहते हुए शारीरिक संबंध स्थापित किया और लगातार शोषण करता रहा। इससे पीडिता गर्भवती हो गई। आरोपी ने पीडिता से कहा कि शादी से पहले गर्भवती होने पर उसके माता-पिता स्वीकार नहीं करेंगे और दोनों बार गोली देकर गर्भपात करा दिया। शादी करने के लिए कहने पर युवक ने इनकार कर दिया। आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। ट्रायल कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए दोषमुक्त कर दिया। इसके बाद हाईकोर्ट में फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दायर की। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए पाया कि जब युवक ने युवती को अपने साथ जाने कहा तो युवती की सहमति थी और मामला दो साल देर से भी दर्ज कराया गया। पीड़िता की उम्र भी 23 वर्ष की है। ऐसे में पीड़िता की सहमति के कारण इसे यौन शोषण नहीं माना जा सकता। याचिका को खारिज कर दिया गया।