IMF की पाकिस्तान को चेतावनी: 1 बिलियन डॉलर के कर्ज से पहले लगाईं 11 कड़ी शर्तें, भारत-पाक तनाव बताया गंभीर खतरा
1 बिलियन डॉलर की राहत किस्त से पहले 11 सख्त शर्तें लागू कर दी हैं। साथ ही IMF ने भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को आर्थिक स्थिरता के लिए गंभीर जोखिम करार दिया है।

नई दिल्ली/इस्लामाबाद। कर्ज में डूबा पाकिस्तान एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर कटघरे में खड़ा है। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने पाकिस्तान को दी जाने वाली अगली 1 बिलियन डॉलर की राहत किस्त से पहले 11 सख्त शर्तें लागू कर दी हैं। साथ ही IMF ने भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को आर्थिक स्थिरता के लिए गंभीर जोखिम करार दिया है।
पाकिस्तान की आर्थिक हालत पहले से ही बेहद खराब है, ऊपर से वह लगातार अपने रक्षा बजट में इजाफा कर रहा है। ताजा आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान का आगामी रक्षा बजट 2,414 अरब रुपये तक पहुंच गया है, जो पिछले साल की तुलना में 12% अधिक है। इस पर IMF की नाराजगी बढ़ती जा रही है।
IMF की 11 कड़ी शर्तें, जो पाकिस्तान को माननी होंगी
IMF ने साफ कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान इन 11 शर्तों को पूरा नहीं करता, तब तक उसे अगली राहत किस्त नहीं मिलेगी:
1. वित्त वर्ष 2025 के लिए 17,600 अरब रुपये का बजट संसद से पारित कराना अनिवार्य।
2. बिजली बिलों में चरणबद्ध वृद्धि, जिससे ऊर्जा क्षेत्र की वित्तीय स्थिति सुधरे।
3. 3 साल से अधिक पुरानी कारों के आयात पर लगे प्रतिबंध को हटाना।
4. चार संघीय इकाइयों को नया कृषि आयकर कानून लागू करना, जिसमें करदाता पहचान, रिटर्न प्रोसेसिंग और अनुपालन सुधार शामिल हैं।
5. संचार अभियान को मजबूती देना, जिससे आम जनता को आर्थिक सुधारों की जानकारी मिल सके।
6. IMF की सिफारिशों के अनुसार प्रशासनिक सुधारों को दर्शाना।
7. 2027 के बाद की वित्तीय क्षेत्र की रणनीति बनाकर सार्वजनिक करना।
8. ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी 4 अतिरिक्त शर्तें भी लागू, जिनमें टैरिफ निर्धारण, वितरण सुधार और वित्तीय पारदर्शिता शामिल हैं।
रक्षा बजट में बेतहाशा बढ़ोतरी, IMF हो सकता है नाराज़
IMF की चिंता उस समय और बढ़ गई जब पाकिस्तान ने महंगाई और आर्थिक संकट के बावजूद दौड़ते हुए रक्षा बजट में इजाफा कर दिया।
शहबाज सरकार अब इस बजट को बढ़ाकर 2,500 अरब रुपये (लगभग 18% की वृद्धि) तक ले जा रही है। इस तरह के कदम IMF की कर्ज शर्तों के खिलाफ माने जा रहे हैं।
भारत ने जताई चिंता: आतंकवाद को फंडिंग कर रहा है पाकिस्तान
IMF द्वारा पाकिस्तान को राहत देने पर भारत की नाराजगी भी खुलकर सामने आ गई है। भारत का कहना है कि पाकिस्तान इस कर्ज का इस्तेमाल आतंकी संगठनों की मदद के लिए कर सकता है। हाल ही में पाकिस्तान के मंत्री तनवीर हुसैन ने लश्कर-ए-तैयबा के गढ़ माने जाने वाले ‘मुरीदके’ का दौरा किया और वहां सरकारी खर्च से पुनर्निर्माण की घोषणा की।
मुरीदके वही इलाका है जहां ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया गया था। इसके बाद भारत ने कड़ा विरोध जताया।
भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट कहा:
> “पाकिस्तान को किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता देना आतंकवाद को बढ़ावा देने के समान है।
भारत-पाक तनाव बना IMF के लिए सिरदर्द
IMF ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव उसके आर्थिक सुधार कार्यक्रम के लिए गंभीर जोखिम बनता जा रहा है। अगर पाकिस्तान अपनी नीतियों में बदलाव नहीं करता, तो IMF अगली किस्त पर रोक भी लगा सकता है।
संकट में पाकिस्तान, IMF ने दिखाई सख्ती
IMF ने कंगाल पाकिस्तान को साफ संदेश दे दिया है — शर्तें मानो या पैसा भूल जाओ। बढ़ती महंगाई, गिरती अर्थव्यवस्था, आतंकवाद को बढ़ावा और बढ़ता रक्षा खर्च पाकिस्तान को आर्थिक गर्त में धकेल रहा है। ऐसे में भारत सहित दुनिया भर की नजरें अब IMF के अगले फैसले पर टिकी हैं।