Waqf Board News:प्रदेश में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के लिए सर्वे शुरू, डिजिटाइजेशन के लिए मांगी गई जानकारी

WAQF BOARD NEWS RAIPUR. प्रदेश में वक्फ बोर्ड के नाम पर सभी प्रापर्टी की जानकारी को सार्वजनिक करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। वक्फ बोर्ड की सभी संपत्तियों के लिए सर्वे भी शुरू हो गया है। कहा गया है कि जितनी भी संपत्तियां है उनकी जानकारी दी जाए। साथ संपत्ति की जानकारी छिपाने वालों या कब्जा करने वालों पर बोर्ड कार्रवाई भी करेगा। वक्फ बोर्ड ने इन सभी जानकारी को डिजिटाइजेशन करने की बात कहीं है।
बता दें, छत्तीसगढ़ में वक्फ बोर्ड के बाद लभगभ 5000 करोड़ से ज्यादा की प्रापर्टी है। इसमें सभी को चिट्ठी में सभी मस्जिदों, मदरसो, दरगाहों, कब्रिस्तानों, दुकानों, कृषि भूमि, स्कूल और प्लाट्स की जानकारी भेजन के निर्देश दिए गए है। इसके लिए 7 दिनों का समय बोर्ड ने दिया है। 12 फरवरी तक सभी जानकारी मांगी है। इन तमाम संपत्तियों से जुड़े राजस्व रिकार्ड, जैसे वक्फनामा, हिबानामा, वक्फ डीड, नजूल शीट की कॉपी वक्फ बोर्ड ने मांगी है। इसके लिए सात दिनों का समय दिया गया है। जारी आदेश में तमाम मुतव्लियों को शुक्रवार की नमाज के बाद मस्जिदों से बाकायदा ऐलान कराने का भी निर्देश दिया गया है, ताकि समाज के किसी भी लोग के पास वक्फ संपत्ति को लेकर कोई जानकारी हो तो वो भी वक्फ बोर्ड तक पहुंचा सके।
IIT दिल्ली करेगा अपडेट
संपत्ति की जानकारी को लेकर निर्देश केन्द्र सरकार की ओर से भी आए है। इसी के तहत सभी जानकारियों को अपडेट करने का कार्य आईआईटी दिल्ली करेगा। बीतें दिनों पूर्व संयुक्त संसदीय समिति वक्फ, लोकसभा सचिवालय और सचिव भारत सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय नई दिल्ली की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। इसके बाद ही छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ने यह कदम उठाया है।
राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज कहते हैं प्रदेश के कई मुतवल्लियों ने वक्फ संपत्तियों में जमकर लूट मचाई है। वक्फ यानी दान की गई संपत्तियों में कुछ की ही जानकारी वक्फ बोर्ड को दी, बाकियों का इस्तेमाल निजी मालिकाना हक जैसा किया। उसे अपने फायदे के लिए यूज किया। कई जगह तो इन संपत्तियों को बेच तक डाला गया। इसके चलते कई मुतव्लियों पर एफआईआर तक हुए हैं। डॉ. सलीम राज कहते हैं, जब सारी संपत्तियों की जानकारी ऑनलाइन होगी, तो पारदर्शिता आएगी। इससे वक्फ बोर्ड को मिलने वाला फंड बढ़ेगा और इस फंड से समाज की गरीब, बेवा की बेहतरी के लिए काम हो सकेंगे।