छत्तीसगढ़

High Court: CGPSC घोटाला मामले में HC की टिप्पणी, कहा ये घोटाला हत्या से भी गंभीर अपराध, लाखों कैंडिडेट्स का करियर हुआ बर्बाद

छत्तीसगढ़ में पीएससी भर्ती 2020-2022 में भर्ती प्रक्रिया में गडबड़ी का आरोप लगाते हुए पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने याचिका दायर कर मामले की जांच की मांग की थी। इस मामले में उन्होंने चयनित अभ्यर्थियों की सूची भी कोर्ट में दी थी

HIGH COURT NEWS. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सीजीपीएससी घोटाला मामले की सुनवाई चल रही है। सुनवाई के दौरान कोर्ट में बजरंग पावर के डायरेक्टर गोयल के बेटे-बहू को बेल के लिए जमानत याचिका दायर की गई। याचिका को कोर्ट ने खारिज करते हुए कड़ी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि सीजीपीएससी घोटाला हत्या से भी बड़ा अपराध है। इस घोटाले के चक्कर में लाखों स्टूडेंट्स का कॅरियर दांव पे लगा दिया गया। उनका कॅरियर बर्बाद हुआ। एक हत्या करने से केवल एक ही परिवार प्रभावित होता है लेकिन लाखों अभ्यर्थियों का करियर बर्बाद करने से पूरा समाज प्रभावित होता है।

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बता दें, छत्तीसगढ़ में पीएससी भर्ती 2020-2022 में भर्ती प्रक्रिया में गडबड़ी का आरोप लगाते हुए पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने याचिका दायर कर मामले की जांच की मांग की थी। इस मामले में उन्होंने चयनित अभ्यर्थियों की सूची भी कोर्ट में दी थी जिसमें चयनित नेता, अधिकारी के नाते-रिश्तेदार ही थे। ऐसे में इस पर जांच की गई। जांच में दोषियों पर मुकदमा दायर किया गया।

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मामले की सुनवाई जस्टिस बीडी गुरु की सिंगल बेंच में हुई। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए डिप्टी कलेक्टर बने शशांक गोयल और उसकी पत्नी भूमिका कटियार की जमानत याचिका को खारिज कर दी है। सीबीआई ने दोनों आरोपियों को 6 दिसंबर 2024 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है।

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सीबीआई को सौंपी जांच की जिम्मेदारी
मामला हाईकोर्ट में पहुंचने के बाद राज्य सरकार ने जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा था। इस मामले में तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी पर अपने रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने का आरोप है। सोनवानी के करीबी रहे रायपुर के उद्योगपति बजरंग पावर एण्ड इस्पात लिमिटेड के डायरेक्टर श्रवण गोयल के बेटे शशांक गोयल व उसकी बहू भूमिका कटियार का चयन भी डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ था।

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