Pahalgam terrorist attack: प्रधानमंत्री ने सेना को कर दिया फ्री हैण्ड, अब सेना लेगी पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा कदम
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रूख किया है। वहीं प्रधानमंत्री ने हाई लेवल मीटिंग करते हुए सेना के प्रमुखों को फ्री हैण्ड कर दिया है।

PAHALGAM TERRORIST ATTACK NEWS. पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रूख किया है। वहीं प्रधानमंत्री ने हाई लेवल मीटिंग करते हुए सेना के प्रमुखों को फ्री हैण्ड कर दिया है। उन्होंने सेना को कहा है कि वे सेना की कमान को बनाए रखते हुए पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा कदम ले सकते हैं। इसके लिए उन्हें पूरी आजादी है। वो जो चाहे वैसा सबक पाकिस्तान को सीखा सकते हैं। इस मीटिंग के बाद से ही अब पाकिस्तान के खिलाफ सेना का कदम क्या होगा यह सोचने वाली बात है। लेकिन यह तय है कि भारतीय सेना पाकिस्तान को करारा जवाब जल्द ही देगी।
बता दें, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद को करारा जवाब देना भारत का राष्ट्रीय संकल्प है। उन्होंने भारतीय सेना की पेशेवर क्षमताओं पर पूरा भरोसा जताते हुए उन्हें कार्रवाई की पूरी परिचालन स्वतंत्रता देने की घोषणा की। पीएम ने स्पष्ट किया कि जवाबी कार्रवाई का तरीका, समय और लक्ष्य तय करने का अधिकार अब सेना के पास होगा।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने यह सख्त रुख अपनाया है। यह हमला 22 अप्रैल को बैसरन मैदान में हुआ था, जिसके बाद से सीमा पर तनाव बढ़ गया है और सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा कि हमारे पास समय सीमित है और लक्ष्य बड़े हैं,” जिससे पहले ऐसा लगा कि वे फिर से पहलगाम हमले पर टिप्पणी करेंगे, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि यह बात विकसित भारत के लक्ष्य को लेकर कही गई थी।
इधर, भारतीय सेना भी पूरी तरह एक्शन मोड में है। सेना ने हाल ही में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के साथ मिलकर संयुक्त अभ्यास किया, ताकि बहु-एजेंसी अभियानों की तैयारी को और बेहतर किया जा सके। त्रिशक्ति कोर ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि यह अभ्यास सभी संभावित परिचालन परिदृश्यों के लिए तैयार रहने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इसके अलावा, सेना ने जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में ग्राम रक्षा समूहों (VDG) के सदस्यों के लिए विशेष प्रशिक्षण भी आयोजित किया है। यह पहल स्थानीय सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में लोगों को सशक्त बनाने की दिशा में एक प्रयास है। प्रशिक्षण में हथियारों का संचालन, सामरिक प्रतिक्रिया और संकट की स्थिति से निपटने की तैयारियों पर विशेष जोर दिया गया।