Railway News:नया रायपुर में बनेगा ट्रेन वाशिंग स्टेशन, पूरे 60 एकड़ में होगा फैलाव, साथ ही नए रेल लाइन का भी विस्तार
प्रदेश में रेल सुविधाओं के विस्तार पर लगातार ध्यान रखा जा रहा है और इस पर कार्य भी हो रहा है। इसी के तहत यह नया प्रयास है। इस पूरे प्रोजेक्ट में 1500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके साथ ही रेल लाइन का विस्तार किया जाएगा।

RAILWAY NEWS RAIPUR. रेलवे प्रशासन लगातार यात्री की सुविधाओं को बेहतर करने का प्रयास कर रही है। अधोसंरचना के कई कार्य किए जा रहे हैं। वहीं इसी बीच रायपुर में नया ट्रेन वाशिंग सेंटर बनाने जाने की बात सामने आयी है। यह ट्रेन वाशिंग सेंटर पूरे 60 एकड़ में फैला होगा। इसके अलावा रायगढ़ के खरसिया तक रायपुर से नई रेल लाइन बिछाने की योजना है। पूरे प्रोजेक्ट की लागत 1500 करोड़ बताई जा रही है। इससे यात्रियों को नई सुविधाएं मिलेंगी।
बता दें, प्रदेश में रेल सुविधाओं के विस्तार पर लगातार ध्यान रखा जा रहा है और इस पर कार्य भी हो रहा है। इसी के तहत यह नया प्रयास है। इस पूरे प्रोजेक्ट में 1500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके साथ ही रेल लाइन का विस्तार किया जाएगा। जो खरसिया से नया रायपुर तक होगा। इस ट्रैक को परमलकसा तक जोड़ा जाएगा। इसके बाद पहले चरण में रायपुर विशाखापट्टनम वंदे भारत एक्सप्रेस, दुर्ग-जम्मूतवी, दुर्ग निजामुद्दीन, दुर्ग गोरखपुर, दुर्ग-कानपुर, दुर्ग-भोपाल, दुर्ग-जयपुर, दुर्ग-अजमेर, दुर्ग-दल्ली राजहरा एक्सप्रेस को चलाने की योजना है। इन शहरों से होते हुए 266 किमी रेल लाइन बिछेगी केंद्री में वाशिंग स्टेशन बनने से लोगों को बड़ा फायदा मिलेगा।
अभी रायपुर स्टेशन से एक भी ट्रेन नहीं बनती। इससे यात्रियों को रिजर्वेशन का कोटा कम मिलता है। वाशिंग स्टेशन बनने से यहां से ट्रेनें शुरू होंगी और लोगों का सफर आसान होगा। अभी जिस वॉशिंग स्टेशन के साथ जो प्रोजेक्ट लाया जा रहा है, उसके अनुसार खरसिया से बलौदाबाजार होकर केंद्री, अभनपुर और दुर्ग पैवारा होते हुए परमलकसा तक रेल लाइन बिछाई जाएगी। इसके सर्वे का काम चल रहा है। कई इलाके रेल से जुड़ेंगे इस प्रोजेक्ट से छत्तीसगढ़ के कई इलाके ऐसे हैं, जो आजादी के बाद पहली बार रेल नेटवर्क से जुड़ेंगे। इससे उन इलाकों में रहने वाले लोगों को यात्री ट्रेन की सुविधा मिलेगी। यह लाइन जिन इलाकों से गुजरेगी, वहां सीमेंट व अन्य उद्योग हैं, इसलिए यह रूट ढुलाई के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा।
30 गाड़ियों की हो सकेगी मरम्मत
एक ट्रेन के मैकेनिकल मेंटेनेंस और धुलाई के लिए 6 घंटे का समय निर्धारित है। इसमें गाड़ियों के डिब्बों का मेंटनेंस कर हर डिब्बे की धुलाई की जाती है। लेकिन दुर्ग में जगह कम होने से ट्रेनों की मरम्मत के दौरान काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। रेलवे डीआरएम श्री दयानंद के अनुसार इसके लिए सर्वे शुरू हो गया है। रायपुर राजधानी होने के नाते भविष्य में यहां से और ट्रेनें चलेंगी। इसके लिए कोचिंग डिपो बनाने का प्रस्ताव है। इससे 30 गाड़ियों की मरम्मत हो सकेगी। इसके लिए सरकार से नवा रायपुर में जमीन देने के लिए पत्र लिखा गया है। खरसिया लाइन को नवा रायपुर से जोड़ने के लिए सर्वे हो रहा है।